Friday, October 2, 2009

इंसान की फितरत...

आमच्या नागपूरच्या खान सरांनी एकवलेला एक शेर...

कितना कमजर्फ हैं ये गुब्बारा...

चंद सासों में फुल जाता हैं

थोडा उप्पर उठ जाये तो,

औकात भूल जाता हैं