ये तेरी यादे, जो रात भर सताती है,
ये आती है, तो फिर जाती क्यों नहीं...
ये रात खुद रातभर जागती है,
ये कभी सोती क्यो नही...
#मोहा
यू रातों को जागते ख्वाब क्या देखें,
तुम आओं, मिलो, यू दूर से दीदार क्या देखें...
कोई रात जलती शम्मा सी भी तो बिते,
हर सहर इन परवानो सी, यार क्या देखें...
#मोहा
कभी तो जिंदगी, तेरा हिसाब भी चुका देंगे..
अभी तो सारी ख्वाइशें, उधारी में लिखा कर
#मोहा
शेर
जब मिलेगा तू, मुक्कदर होगा,
अभी तो ख्वाबो में तुझे, टूटकर चाहने दे
#मोहा
ये आती है, तो फिर जाती क्यों नहीं...
ये रात खुद रातभर जागती है,
ये कभी सोती क्यो नही...
#मोहा
यू रातों को जागते ख्वाब क्या देखें,
तुम आओं, मिलो, यू दूर से दीदार क्या देखें...
कोई रात जलती शम्मा सी भी तो बिते,
हर सहर इन परवानो सी, यार क्या देखें...
#मोहा
कभी तो जिंदगी, तेरा हिसाब भी चुका देंगे..
अभी तो सारी ख्वाइशें, उधारी में लिखा कर
#मोहा
शेर
जब मिलेगा तू, मुक्कदर होगा,
अभी तो ख्वाबो में तुझे, टूटकर चाहने दे
#मोहा
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