Sunday, July 31, 2016

शब्बा खैर...

चलो यारो, रुखसत ले लेते है,
इस रात की तन्हाई में,
थोड़ा तनहा हो लेते है,
कुछ ख्वाब रख छोड़े है,
उम्मीदों की देहलीज पर,
उन्हें देख आते है..
चलो, जरासा सो लेते है...

#मोहा

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